नया चिट्ठा...पहली चिट्ठी
साल का कोई भी महीनासप्ताह का कोई भी दिनकिसी भी समयहम होंगे यहांअपनी और अपने लोगों कीढेर सारी हकीकतों के साथढेर सारी शिकायतों के साथढेर सारे सवालों के साथढेर सारे लोगों के बारे मेंढेर सारी जानकारियों के साथढेर सारे लोगों के पाखंडों की मुठभेड़ मेंवाद-विवाद, बहस-मुबाहसे मेंसही-गलत, सच- झूठ के मुखौटे उठाते हुएसाल का कोई भी महीनासप्ताह का कोई भी दिनकिसी भी समयहम होंगे यहां!
जब अंबर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी
Sunday, February 17, 2008
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